गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में अवस्थित शिव शक्ति धाम डासना मंदिर के महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती के हत्या का प्रयास लगातार इस्लामीक जिहादियों द्वारा किया जा रहा है। इसी कड़ी में कल रात्रि 8:00 बजे मंदिर परिसर में हिंदू नाम से घुसे दो अपराधियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। रात्रि में मंदिर परिसर में दो व्यक्तियों पर मंदिर के सेवादारों को शक होने पर पूछताछ की गई और उनका जांच किया गया तो उन दोनों के पास से तीन सर्जिकल ब्लेड व सायनाइड जैसी आपत्तिजनक दवाइयां मिली हैं। दोनों व्यक्तियों ने मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए प्रवेश पंजी में हिंदू नाम अंकित किया है। परंतु परिषर के अंदर शक होने पर सेवादारों ने जब कड़ाई से पूछताछ किया तो एक ने अपना नाम मोहम्मद कासिफ बताया है।
रात 8:00 बजे मंदिर परिसर में घुसे थे अपराधी।
महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के द्वारा टीवी चैनलों को बताए अनुसार वहां के प्रवेश पंजी में अंकित समय के अनुसार दोनों ने 8:00 बजे प्रवेश किया है, ज्ञात हो कि उक्त परिसर में पुलिस द्वारा एक गार्ड की तैनाती की गई है। गार्ड के पास आरोपियों ने डॉक्टर विपुल विजयवर्गीय नागपुर व काशी गुप्ता के नाम से प्रवेश किया है। पूछताछ में काशी ने अपना नाम मोहम्मद कासिफ बताया है।
सेवादारों को हुवा शक तो तला बड़ा हादसा।
बढ़िया बात यह है कि इस समय स्वामी जी मंदिर परिसर में उपस्थित नहीं थे एवं सुदर्शन न्यूज़ के टीवी डिबेट में भाग लेने गए हुए थे। सेवादारों को हुआ शक सेवादारों ने बताया कि दो अनजान व्यक्ति मंदिर परिसर में दाखिल हुए उनके दाखिल होने पर सेवादारों ने देखा कि उनके क्रियाकलाप (हरकत) अजीब है, जिसपर सेवादारों को शक हुआ, इसके बाद सेवादारों ने इन लोगों से पूछताछ शुरू किया एवं इनके बैग की तलाशी ली जिसमें से तीन सर्जिकल ब्लेड आपत्तिजनक दवाई मिली हैं ( जिसे सेवादारों द्वारा साइनायड बताया जा रहा है। )।
पुलिस को किया सूचित।
इस मामले पर महंत स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती के करीबी अनिल यादव ने पुलिस को सूचना देकर आरोपियों को पुलिस के हवाले किया है। एवं आवेदन देकर कार्रवाई की मांग किया है।
क्या कहती है पुलिस।
एक न्यूज़ चैनल को एसपी देहात डॉक्टर इरजा ने बताया कि काशी गुप्ता के नाम से मंदिर परिसर में प्रवेश करने वाले का असली नाम मोहम्मद काशिफ है, दोनों से पूछताछ की जा रही है।
स्वामी जी के हत्या का प्रयास पहले भी किया जा चुका है।
ज्ञात हो कि अभी कुछ दिन पूर्व ही दिल्ली पुलिस ने एक आतंकी को गिरफ्तार किया था जो भगवा वस्त्र पहनकर स्वर्गीय कमलेश तिवारी की तरह स्वामी जी को मौत के घाट उतारने के लिए योजना बना रहा था।
आखिर क्यों पड़े हैं जिहादी इनके जान लेने के लिए पीछे।
स्वामी जी खुलकर हर एक मंच से इस्लाम के कुरीतियों के खिलाफ बोलते हैं, वह हिंदू समाज को लगातार आगाह करते रहते हैं कि कैसे इस्लामी ताकते अपने "गजवा ए हिंद" के सपनों को साकार करने के लिए हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं। कश्मीर से कैराना तक दिल्ली से बंगाल तक यानी पूरे देश भर में कैसे जिहादी हमलावर हैं। बस इसी कारण से इस्लामिक जिहादी इन्हें मौत के घाट उतारने को परेशान हैं।