सरना धर्म कोड की मांग ईसाई मिशनरियों के चर्च द्वारा किया जाना गहरी साजिस का हिस्सा : प्रिया मुंडा - एक संदेश भारत

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सोमवार, मई 24, 2021

सरना धर्म कोड की मांग ईसाई मिशनरियों के चर्च द्वारा किया जाना गहरी साजिस का हिस्सा : प्रिया मुंडा

फाइल फोटो : प्रिया मुंडा 

#Ranchi Catholic Archdiocese द्वारा लिखा गया पत्र। 
रांची : झारखण्ड में सरना समाज के संस्कृति,सभ्यता,संस्कार के साथ मान्यताओं व परम्पराओं को  बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रही प्रिया मुंडा जी ने सरना धर्म कोड के लिए ईसाई मिशनरियों के द्वारा की जा रही मांग पर गहरी चिंता व्यक्त किया है। उन्होंने  सोशल साइट के अपने फेसबुक अकाउंट में रांची कैथोलिक आर्चडाईसी द्वारा लिखित एक पत्र जारी कर कहा है की सरना धर्म कोड की मांग तो जनजाति समाज (गैर ईसाई) को करनी चाहिए। लेकिन यह बहुत ही आश्चर्यचकित करने वाली चिन्ताजनक बात है कि सरना धर्म कोड की मांग #Ranchi Catholic Archdiocese के आर्च बिशप फेलिक्स टोप्पो एवं साहायक विशप थेयोदोर मसकारेन्हस द्वारा की गई है।


ऐसे में गैर ईसाई आदिवासी जनजाति समाज को अपने हक और अधिकार के लिए कोई भी मांग रखने का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इसमें एक दूसरे धर्म यानी ईसाई धर्म के धर्म-गुरुओं का हस्तक्षेप करना संदेह उत्पन्न करता है। और वो भी तब जब जनजाति समाज की धर्म संस्कृति को सबसे ज्यादा नुकसान ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण मिशन के द्वारा पहुंचाया गया है जो वर्तमान में और तेज हुआ है।


उन्होंने ऐसे प्रश्न खड़ा करते हुवे कहा है की अब सबसे बड़ा प्रश्न ये उठता है कि सरना धर्म कोड की मांग के पीछे मिशनरियों का क्या स्वार्थ छुपा है। साथ ही उन्होंने अपने जनजाति समाज (सरना समाज)  के लोगों से भी आह्वान कर कहा है की आप सभी सोचिये आखिर क्यों मिशनरियों द्वारा यह सब मांगे की जा रही है।


ज्ञात हो की पिछले वर्ष ही झारखण्ड सरकार ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व झारखण्ड विधानसभा से सरना धर्म कोड के समर्थन में प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा है। जानकारों का माने तो इस मामले पर झारखण्ड की वर्तमान सरकार के मुखिया हेमंत सोरेन ने जल्दबाजी में इस प्रस्ताव को पास कर अपनी राजनितिक वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश है। 

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