कश्मीर के त्राल में इस्लामिक आतंकवादियों ने राकेश पंडित को गोली मारकर हत्या कर दी है। यह घटना बुधवार रात की है जब राकेश पंडित दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में अपने दोस्त मुस्ताक भट्ट से मिलने गए थे। लेकिन दुर्भाग्यवश वहीं पर घात लगाकर बैठे तीन इस्लामिक आतंकवादियों ने उन्हें नजदीक से गोली मार दी। गोली लगने के तुरंत बाद राकेश पंडित को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना में उनके मित्र की बेटी को भी गोली लगी है और उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है और वह अभी सुरक्षित है।
ज्ञात हो कि राकेश पंडित को पुलिस द्वारा सुरक्षा भी उपलब्ध कराया गया था एवं उनके सुरक्षा में दो पीएसओ तैनात किए गए थे। पुलिस की मानें तो उस दिन राकेश पंडित अपने मित्र से मिलने बिना सुरक्षा के चले गए थे। यहां यह जानना जरूरी है कि राकेश पंडित भारतीय जनता पार्टी के जिला सचिव और वहां के नगर पालिका के अध्यक्ष भी थे। इस घटना के बाद जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित भाजपा के नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। सुरक्षाबलों ने इस घटना के बाद उस क्षेत्र में सर्च अभियान चला रखा है। एवं आतंकियों की धरपकड़ की करवाई की जा रही है।
राकेश पंडित के मौत के बाद उनकी मां सारिका पंडिता एवं पत्नी और अर्पणा पंडिता ने सवाल उठाया है कि आखिर कब तक कश्मीरी पंडित मौत के घाट उतारे जाते रहेंगे। वही पुत्र पारस पंडित ने अपने पिता के मृत्यु को एक साजिश करार दिया है एवं सरकार से सीबीआई या एनआईए जांच करवाने का मांग किया है।
गौरतलब है कि इसके पूर्व भी अनेक कश्मीरी पंडितों की हत्या इस्लामिक आतंकियों द्वारा किया गया है। इन्हीं आतंकियों ने लाखों की संख्या में कश्मीरी पंडितों की हत्या कर वहां से उन्हें विस्थापन को मजबूर किया है। और यह घटना बंद होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। आखिर ऐसा में बड़ा सवाल यही कि कब तक इस्लामिक जिहादियों के जिहाद का शिकार अपने ही पूर्वजों के देश भारत में हिंदू समाज होता रहेगा। आखिर ऐसे में इसका समाधान कब होगा। कब सरकारें आतंक के पैरोंकारों को उनके सही जगह पर पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे। जो दिल्ली जैसे राजधानियों में बैठकर इन लोगों का समर्थन करते हैं और ऐसे में सवाल तो यह भी है कि क्या देश के संवैधानिक संस्थाओं से लेकर सरकारों तक को हिंदुओं की भविष्य की चिंता क्यों नहीं है?